पब्लिक मीडिया बुंदेलखंड :बुंदेलखंड में पानी की समस्या बढ़ती ही जा रही है। उत्तर प्रदेश और म.प्र. मे फैले बुंदेलखंड के 13 जिलों का कोई भी ऐसा इलाका नहीं है जहां पानी के लिए हाहाकार न मचा हो। महिलाएं, बच्चे और पुरुष सुबह से उठकर पानी के लिए लोगों को कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है!
किन-किन शहरों में लगभग पानी की भयंकर समस्या
जानकारी अनुसार
बांदा महोबा राठ ललितपुर मानिकपुर छतरपुर पन्ना टीकमगढ़
कई जिलों मैं जल की समस्यायें सरकार पर आक्रोश मटका फोड़ प्रदर्शन रोड जाम नगरपालिका का घेराव अधिकारियों को दिया ज्ञापन पानी की समस्याओं का नहीं हो रहा निश्चित कोई सुधार है !
सरकार ओर अधिकरी : बुंदेलखंड के जिलों में पानी टैंकरों द्वारा वितरित किया जा रहा पानी !
जनता :नहीं पहुच पा रहा सभी के पास पानी ,
पानी न मिलने पर गुस्साई जनता बोली भ्रष्ट व नकाम सरकार
ग्रामीण इलाकों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। तालाब और नालियां सूखने से पक्षियों तक को पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में प्यास से बेहाल पक्षी पेड़ों से गिरकर मर रहे हैं। वहीं छुट्टा जानवर भी प्यास से बेहाल होकर इधर-उधर भटक रहे हैं।
पांच किलो मीटर दूर से लाते हैं पानी
यूपी के ललितपुर और एमपी के टीकमगढ़ जिले की सरहद मे बसे अटरिया, मोहनगढ़ और पथराई इलाके के करीब दो दर्जन गांवों के लोग चार से पांच किमी पैदल चलकर जमरार नदी से पानी ला रहे हैं। जिन लोगो के पास बैलगाड़ियां हैं वे लोग बैलगाड़ियों में ड्रम, डिब्बे और बाल्टियां रखकर नदी से पानी लाते हैं। बाकी लोग पैदल ही पानी लाते हैं। अटरिया गांव की मैना, सावित्री, आशा, फूलमती, रिंकी, वंदना, पूजा और शशि ने बताया कि पांच किमी. जंगल का रास्ता पार करने के बाद पानी मिलता है। गांव में कोई हैंडपंप नहीं है। तालाब भी पूरी तरह से सूख गए हैं।
ललितपुर मे महरौनी, मडावरा ब्लॉक के गांवों मे काम कर रहे स्वयंसेवी संगठन बुंदेलखंड सेवा संस्थान के निदेशक बासदेव और टीकमगढ़ के समाजसेवी नरेन्द्र अरजरिया ने बताया कि जमरार नदी कई स्थानों पर सूख गई है। बीच-बीच में गहरे कुंड हैं, जिनमें गुजारे लायक पानी है। आसपास के गांवों के लोग इन्हीं जलकुंडों के पानी से जैसे-तैसे अपनी प्यास बुझा रहे हैं।