पब्लिक मीडिया इंदौर :भय्यू महाराज ने मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब इंदौर बायपास पर सिल्वर स्प्रिंग टाउनशिप स्थित अपने बंगले की पहली मंजिल पर कनपटी पर गोली मार जीवनलीला समाप्त कर ली। मध्यप्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में भी अच्छी-खासी दखल रखने वाले 50 वर्षीय भय्यू महाराज ने पारिवारिक कलह के चलते आत्महत्या की है। उनका सुसाइड नोट और लाइसेंसी पिस्टल पुलिस ने जब्त कर ली है। सुसाइड नोट में उन्होंने कहा था कि जिंदगी के तनाव से परेशान हो गया हूं। कल सुबह 9 से 12 तक भय्यू महाराज को बापट स्थित उनके आश्रम पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद सयाजी मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार होगा। पुलिस और पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक इंदोर मे आध्यात्मिक संत भय्यु महाराज द्वारा अपनी लाइसेंसी हथियार से खुद को गोली मार सुसाइड करने के मामले मे पुलिस को सुसाइड नोट मिल गया है जो अंग्रेजी मे है उसमें पारिवारिक कलह का जिक्र करते हुए उन्होंने खुद को बेहद तनाव मे होना बताया है । हालांकि उन्होंने खुद की सुसाइड के लिए किसी को दोषी नहीं बताया लेकिन शुरुआती जांच इस बात की ओर इशारा कर रही है कि 2015 मे उनकी पहली पत्नी माधवी की मृत्यु हो जाने से वह अकेलापन महसुस कर रहे थे हालांकि उनकी माधवी से एक बेटी थी । इस बीच 2017 मे भय्यु महाराज ने मुल रुप से शिवपुरी के " खनियाधाना" निवासी एंव इंदोर मे डाक्टर आयुषी शर्मा से शादी कर ली थी .. बताते है कुछ समय बाद भय्यु महाराज की दुसरी पत्नी डाक्टर आयुषी अपने पास अपनी मां रानी ओर छोटे भाई - बहन को भी ले आई ओर इस दोरान भय्यु महाराज की पहली पत्नी से हुई बेटी की उपेक्षा करने लगी ओर अपने मायके वालों को महत्व देने लगी इस बात को लेकर अक्सर भय्यु महाराज ओर डाक्टर आयुषी शर्मा में विवाद होने लगा ओर जब भय्यु महाराज की सहनशीलता जवाब दे गयी ओर आज उन्होंने यह कदम उठा लिया । कनपटी पर गोली मार जीवनलीला की समाप्त मध्यप्रदेश के आईजी लॉ एंड आर्डर मकरंद देउस्कर ने कहा है कि जिस पिस्टल से भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारी, वह और सुसाइड नोट जब्त कर लिया गया है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। घर के सदस्यों से भी पूछताछ होगी। भय्यू महाराज ने गोली मार ली यह कोई मानने को ही तैयार नहीं था। हाईप्रोफाइल माने जाने वाले भय्यू महाराज के गोली लगने से घायल होने और इलाज के लिए बाम्बे हास्पिटल लाने की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई, लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ। बाद में खुलासा हुआ कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से दाहिनी कनपटी पर गोली मारी थी। अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के दौरान ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाम्बे हास्पिटल के वाइस चेयरमैन राहुल पाराशर ने जैसे ही इसकी पुष्टि की अस्पताल में मौजूद उनके शिष्यों और प्रशंसक विलख-विलखकर रो पड़े। भय्यू महाराज की पार्थिव देह को पोस्टमार्टम के लिए एमवाय पहुंचा दिया गया है। आत्महत्या करने कुछ घंटे पहले ही भय्यू महाराज ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को ट्वीट कर उनके जन्मदिन पर बधाई दी थी। एक और ट्वीट उन्होंने एक घंटे पहले ही किया था। सूत्रों के मुताबिक दूसरी शादी के छ: महीने बाद से भय्यू महाराज काफी तनाव में रहने लगे थे। अपने कुछ निकटस्थ लोगों से वे इसका जिक्र भी करते थे। उनकी दूसरी पत्नी और बेटी के बीच भी संबंध ठीक न होने से वे काफी परेशान थे। मॉडलिंग भी कर चुके हैं ये संत, भय्यू महाराज, 49 की उम्र में अपनी पत्नी के निधन के बाद एक समय अपने आश्रम में सहायक की भूमिका निभा चुकी शिवपुरी की डॉ. आयुषी से शादी की थी। मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री के दर्जे से भी नवाजा था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था। भय्यू महाराज को मॉडर्न संत माना जाता है। दूसरी शादी के पीछे उनका तर्क यह था कि पहली पत्नी की मौत होने के बाद बेटी कुहू और मां का ख्याल रखने के लिए ही ये शादी की थी।
जीवन परिचय
- 1968 को जन्में भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख है। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। - कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए ऐड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यू महाराज अब गृहस्थ संत हो गए थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता है। - उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है। - पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जिसने पुणे में रहकर पढ़ाई की और इंदौर आती-जाती रहती थी। - उन्होंने 30 अप्रैल 2017 को एमपी के शिवपुरी की डॉ. आयुषी के साथ सात फेरे लिए थे। - वे मर्सीडीज जैसी महंगी गाडिय़ों में चलने वाले भय्यू जी रोलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे और आलीशान बंगले में रहते थे। उन्हें घुड़सवारी और तलवारबाजी का भी शौक था। हाईप्रोफाइल लोगों से रहा है नाता - वे चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। - पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज आमंत्रित किया था। - पूर्व प्रेसिडेंट प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं।

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