शव यात्रा की शुरुआत महलों के समीप चौपाटी मैदान से हुई जहां प्रताप सागर तालाब के किनारे मृत तालाब की एक अर्थी बनाई गई। महलों से छत्रसाल चौक तक जब यह अर्थी निकली तो कई लोग रुककर तालाब को प्रणाम करते नजर आए। सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र अग्रवाल एवं जल बिरादरी के प्रदेश संयोजक भगवान सिंह परमार ने तो तालाब की मृत्यु के शोक में अपना मुंडन भी कराया और मटकी को आगे लेकर चलते रहे। छत्रसाल चौक पर पंडित सौरभ तिवारी ने विधि विधान से वैदिक मंत्रों के साथ अंतिम संस्कार की क्रिया कराई। इसके बाद यह शव यात्रा कलेक्ट्रेट पहुंची और ज्ञापन के रूप में तालाबों का शोकपत्र जिला कलेक्टर को सौंपा। इस पत्र में कहा गया कि शहर के किशोर सागर, संकट मोचन, ग्वाल मंगरा सहित सभी तालाबों पर भू-माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की सांठ-गांठ से खुले आम मलबा डालकर पुराव कराया गया और इसके बाद विगत 10 सालों में धीरे-धीरे इन तालाबों पर प्लॉट बेच दिए गए। प्रशासन ने तालाबों की इस मृत्यु पर खामोश क्यों है। कलेक्टर से तालाबों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है। इस शवयात्रा में सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सोनी, प्रवीण गुप्त, प्रखर भट्ट, पुष्पेन्द्र चौरसिया, राजीव दमेले, उपेन्द्र बुंदेला, धर्मपाल चौरसिया, राघवेन्द्र कुशहवाहा, सुदीप पांडे, केतन अवस्थी, पंकज सेन, विवेक अवस्थी, प्रशांत महतों, सत्यम शर्मा, देवेन्द्र अनुरागी, छोटे राजा, रामजी गुप्ता, गौरव पांडे, रामकृपाल गुप्ता, देवेंद्र बाजपेई, प्रशीष चतुर्वेदी, अभिलेख खरे, अनुज अरजरिया, हरिप्रकाश गंगेले, रासू बुंदेलखंडी,राकेश अरजरिया, अमित जैन, प्रदीप तिवारी, पप्पी पटैरिया, निक्की ताम्रकार, अशोक चतुर्वेदी, दिलीप सिंह, शुभम शर्मा, अर्जुन गोस्वामी, विक्रम सेन, सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
अस्थि विसर्जन एवं त्रियोदशी भी करेंगे
तालाबों की मृत्यु पर दु:खी सामाजिक कार्यकर्ता आज की शव यात्रा के बाद हिंदू रीति रिवाजों के अनुरूप अस्थि विसर्जन, शुद्धता और त्रियोदशी भी करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता पं. सौरभ तिवारी ने बताया कि 22 जून को अस्थि विसर्जन एवं 27 जून को त्रियोदशी एवं गंगाजली पूजन का विधिवत कार्यक्रम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रदर्शन नीरस और सोए हुए प्रशासन को जगाने का कदम है। यदि अब भी प्रशासन सोता रहा तो धीरे-धीरे जिले के सभी तालाब खत्म हो जाएंगे ।




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