ईद मुबारक हरपालपुर | n n Halloween Costume ideas 2015

ईद मुबारक हरपालपुर



पब्लिक मीडिया आशीष रैकवार हरपालपुर :आज जहाँ पूरे देश में ईद ( ईद उल फितर ) का त्योहार पूरे हर्सोल्लास के साथ मनाया गया तो मुस्लिम भाइयों ने ईद की नमाज ईदगाह में अदा की। नमाज अदा करने के बाद सभी लोगों ने गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। 

     हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोगों ने भाईचारे के साथ गले मिलकर ईद के त्योहार की मुबारकबाद दी।

 मीठी ईद को ईद उल फितर कहा जाता है। पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी।

   ईद मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्यौहार है। हिन्दी में ईद का अर्थ त्योहार या पर्व होता है। मुस्लिम समाज के लोग ईद के दिन खुशियाँ मनाते हैं, दावत का लुत्फ उठाते हैं, नये कपड़े पहनते हैं, औऱ ईदगाह जाकर खुदा की इबादत करते हैं, सिर्फ मुसलमान नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग ईद के जश्न में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। ईद का दिन चाँद तय करता है। रमजान माह की आखिरी रात को लोग चाँद का दीदार करने के बाद ही अगली सुबह ईद मनाई जाती है।

इस्लाम धर्म में साल में दो बार ईद मनाई जाती है, पहली मीठी ईद जिसे ईद उल-फितर कहा जाता है और दूसरी बकराईद जिसे ईद उल जुहा कहा जाता है। रमजान के महीने में 30 दिन के रोजे के बाद जो ईद होती है उसे ईद उल फितर कहते हैं, इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। 
     
मान्यता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय हासिल की थी, इसी खुशी में ईद उल-फितर मनाई जाती है, माना जाता है कि पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी इस दिन मीठे पकवान बनाये और  खाये जाते हैं। दान देकर अल्लाह को याद किया जाता है। इस दान को इस्लाम में फितरा कहते हैं।इस ईद में सभी आपस में गले मिलकर अल्लाह से सुख-शान्ति और बरकत के लिये दुआएं मांगते हैं।
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